कई वरिष्ठ डॉक्टरों का मानना है कि यह कहना गलत होगा कि ये दवाइयां रोगी की केस हिस्ट्री और संभावित विकारों के बारे में जाने बिना ही अवसाद (डिप्रेशन) के लिए 'प्रेस्क्राइब' की जा रही थीं.
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